हाल के सालों में जीवन शैली स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्वास्थ्य और जीवन की लाइफस्टाइल के बीच 60 प्रतिशत फैक्टर एक दूसरे से संबंधित हैं. गड़बड़ जीवनशैली कम उम्र से ही बीमारियां ला रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि स्वस्थ रहने के लिए पैदल चलना बहुत जरूरी है. यह न केवल पूरे शरीर को सक्रिय रखता है बल्कि अंगों के कामकाज में भी सुधार करता है। अगर आप सुबह-शाम 20 से 25 मिनट पैदल चलने की आदत डाल लेंगे तो इसका आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
क्या आपने हिप्पोक्रेट्स (Hippocrates) की कहावत सुनी है, “चलना मनुष्य के लिए सबसे अच्छी दवा है?” वास्तव में अच्छी नींद और स्वस्थ्य आहार के साथ पैदल चलना आपको पूरी तरह से डॉक्टर से बचने में मदद कर सकता है। रोजाना नियमित रूप से15-30मिनट पैदल चलना न केवल किसी व्यक्ति की शारीरिक स्वास्थ्य मं सुधार करता है, बल्कि यह उनकी मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है।
दैनिक सैर के लाभ
वजन कम करता है- सुबह और शाम टहलने से 3500 कैलोरी बर्न होती है जो वजन को नियंत्रित करने में मदद करती है। चलना हर उम्र के लोगों के लिए एक दवा है। वहीं मॉर्निंग वॉक आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखता है.
दिल रहेगा फिट – मॉर्निंग वॉक अगर आप करते हैं तो आपका दिल जवां बना रहेगा. शोध के अनुसार, जो लोग प्रतिदिन 15,000 कदम चलते हैं, उनमें हृदय रोगों का खतरा कम होता है. क्योंकि, पैदल जितना आप चलेंगे उतना ही आपका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल रहता है.हृदय रोग के जोखिम कम करने की बात करें, तो पैदल चलना बहुत ही प्रभावी साबित हो सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, जब हृदय रोग या स्ट्रोक को रोकने की बात आती है, तो पैदल चलना, दौड़ने से कम प्रभावी नहीं होता है। यह गतिविधि हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करके हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद करती है।
मानसिक स्वास्थ्य- शोध के अनुसार मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में मौजूद हार्मोन सक्रिय रहते हैं, जिससे याददाश्त बरकरार रहती है। यह तनाव, अवसाद और अल्जाइमर के जोखिम को भी कम करता है.रोजना नियमित रूप से पैदल चलना मस्तिष्क की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। एक अध्ययन से पता चलता है, कि कम प्रभाव वाले एरोबिक एक्सरसाइज जैसे पैदल चलना, शुरुआती डिमेंशिया (dementia) को रोकता है, अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करता है और समग्र मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
फेफड़े रहते हैं स्वस्थ- फेफड़ों को मजबूत रखने के लिए पैदल चलना बहुत कारगर होता है। किसी भी तरह का वायरल इंफेक्शन आपके फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इसलिए सैर पर जाना एक बेहतरीन विकल्प है.पैदल चलना एक एरोबिक एक्सरसाइज है, जो रक्त प्रवाह में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों और कचरे को खत्म करने के साथ ही फेफड़ों को प्रशिक्षित करने में भी मदद करता है। पैदल चलने के दौरान बेहतर और गहरी सांस लेने के कारण फेफड़ों की बीमारी से जुड़े लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।
पेट को साफ रखता है- अगर आपको कब्ज, एसिडिटी, अपच की समस्या है तो आपको सुबह-शाम 20-25 मिनट टहलना चाहिए. साथ ही अगर आप खाना खाने के बाद भी 10 मिनट तक टहलते हैं तो ये और आपके लिए फायदेमंद रहेगा. इससे पेट से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या से निजात जरूर मिलेगी.रोजाना नियमित रूप से30मिनट चलना न केवल भविष्य में पेट के कैंसर (colon cancer) के खतरे को कम कर सकता है, बल्कि पाचन और कब्ज में भी सुधार कर सकता है। जिससे शरीर को मल त्याग को विनियमित करने में मदद मिलती है।
कितने कदम चलना है
जानकारों के मुताबिक हर व्यक्ति को रोजाना 30 मिनट यानी करीब 10 हजार कदम या 6-7 किलोमीटर पैदल चलना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप छोटे हैं तो थोड़ा तेज चलिए और वहीं अगर आप बड़े हैं तो धीरे-धीरे चल सकते हैं. इसके साथ ही चलते समय लंबी सांसें लेना भी याद रखें ताकि आपके फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके।पैदल चलना जोडों में अधिक गतिशीलता प्रदान करता है, यह हड्डियों के नुकसान (bone loss) को रोकने में मदद करता है। साथ ही फ्रैक्चर के जोखिम को भी कम कर सकता है। आर्थराइटिस फाउंडेशन जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए नियमित रूप से दिन में कम से कम30 मिनट तक चलने की सलाह देता है। ऐसा करने से जोड़ों की कठोरता और सूजन को कम करने में भी मदद मिलती है।