प्राचीन काल की बात है कि नैमिषारण्य में मुनियों का आगमन हुआ। सभी ऋषि-मुनि वहां ज्ञानार्जन के लिए एकत्रित हुए। कुछ समय बाद वहां पर सूतजी का भी आगमन हुआ तो मुनियों ने सूतजी का आदर-सत्कार किया और कहा, हे भगवन् ! आप अत्यन्त ज्ञानी-ध्यानी हैं। आप हमें ज्ञान-भक्तिवर्धक पुराणों की कथा सुनाइए। यह सुनकर सूतजी बोले, आप मुनियों की जिज्ञासा अति उत्तम है और इस समय मैं आपको ब्रह्म पुराण सुनाऊंगा।
ब्रह्म पुराण का धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्व है। साथ ही इसका पर्यटन की दृष्टि से भी महत्व है। इसमें अनेक तीर्थों- भद्र तीर्थ, पतत्रि तीर्थ, विप्र तीर्थ, भानु तीर्थ, भिल्ल तीर्थ आदि का विस्तार से वर्णन मिलता है। इसमें सृष्टि के आरंभ में हुए महाप्रलय के विषय में भी बताया गया है। इसमें मोक्ष-धर्म, ब्रह्म का स्वरूप और योग-विधि की भी विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें सांख्य और योग दर्शन की व्याख्या करके मोक्ष–प्राप्ति के उपायों पर प्रकाश डाला गया है। यह वैष्णव पुराणों में प्रमुख माना गया है।
ब्रह्म पुराण हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। इसे पुराणों में महापुराण भी कहा जाता है। पुराणों की दी गयी सूची में इस पुराण को प्रथम स्थान पर रखा जाता है। कुछ लोग इसे पहला पुराण भी मानते हैं। इसमें विस्तार से सृष्टि जन्म, जल की उत्पत्ति, ब्रह्म का आविर्भाव तथा देव-दानव जन्मों के विषय में बताया गया है। इसमें सूर्य और चन्द्र वंशों के विषय में भी वर्णन किया गया है। इसमें ययाति या पुरु के वंश–वर्णन से मानव-विकास के विषय में बताकर राम-कृष्ण-कथा भी वर्णित है। इसमें राम और कृष्ण के कथा के माध्यम से अवतार के सम्बन्ध में वर्णन करते हुए अवतारवाद की प्रतिष्ठा की गई है।
भविष्य पुराण में ब्रह्मा जी ने पुरुषों के बारे में कुछ बातें बताई हैं:-
किसी पुरुष के स्वभाव को जानने के लिए उसके सभी अंगों को ध्यान से देखना, जांचना और परखना चाहिए। पुरुष के सभी अंगों को देखकर उसके स्वभाव से जुड़ी खास बातें जानी जा सकती है।
यदि किसी पुरुष के पैर कोमल, मांसल यानि भरे हुए और लाल रंग लिए होते हैं, साथी ही जिनके पैर में पसीना नहीं आता है। ऐसे लोग सभी सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने वाले होते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग बहुत ही आराम भरा जीवन जीते हैं। वहीं यदि किसी पुरुष के पैर के अंगूठे बहुत ज्यादा मोटे दिखाई देते हैं तो उन्हें भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। अगर किसी पुरुष के पैर सफेद, रूखे और टेढ़े नाखून वाले होते हैं और अंगुलियों का बनावट भी अलग-अलग हो तो ऐसे लोग अपने जीवन में काफी परेशानियों का सामना करते हैं। साथ ही उनके जीवन में धन की कमी हमेशा बनी रहती है।
यदि किसी पुरुष के पैर की सबसे छोटी अंगुली अंगूठे से बड़ी हो तो ऐसे लोग बहुत धनवान होते हैं। यदि किसी पुरुष की जांघ पर रोम नहीं होते हैं तो ऐसे लोगों को भाग्य का साथ नहीं मिलता है। जिन पुरुषों की जांघ लंबी, मोटी और भरी हुई होती है, उन्हें भाग्य का साथ मिलता है। मजबूत जांघ वाले पुरुष धन के अलावा अन्य सभी सुख पाने वाले होते हैं। यदि किसी पुरुष के घुटने मांस रहित हो तो उन्हें छोटी-मोटी सफलताओं को पाने के लिए भी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
इसके अलावा यदि किसी पुरुष का पेट मांसल, बड़ा और गोल है तो ऐसे लोग धनवान होते हैं। वहीं जिन लोगों का पेट लंबा और पतला दिखाई देता है वे गरीबी का सामना करने वाले होते हैं। साथ ही साथ यदि किस पुरुष की पीठ लंबी है तो ऐसा व्यक्ति बंधनों में फंसा रहता है। जिस पुरुष की पीठ कछुए की पीठ की तरह उभरा हुआ हो तो ऐसा व्यक्ति धनवान और भाग्यशाली होता है। वहीं पुरुषों के लिए चौड़े और मजबूत कंधे शुभ होते हैं। ब्रह्मा जी के द्वारा बताई गई बातों के अनुसार यदि किसी पुरुष के पैर की तर्जनी (अंगूठे के बगल वाली) अंगुली अंगूठे से बड़ी दिखाई दे तो ऐसा व्यक्ति स्त्री सुख पाने वाला होता है।